राजधानी में एक दिन की बारिश बनी काल, जनजीवन अस्त-व्यस्त; चार की मौत और 70 से अधिक घायल
- by admin
- Jun 29, 2024
नई दिल्ली। मानसून की पहली वर्षा में राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न एजेंसियों की नाकामी के चलते एक वयक्ति की मौत हो गई। इसी तरह, जलभराव व वर्षा संबंधित विभिन्न घटनाओं में 70 से अधिक लोग घायल हुए, जिन्हें उपचार के लिए विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। वहीं, लुटियंस दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों के साथ सैन्य अधिकारी, केंद्रीय अधिकारी व उद्योगपतियों का बंगले भी जलभराव की जद में आ गए।उनके घरों में दो से तीन फीट तक पानी जमा हो गया। स्थिति यह कि सपा के वरिष्ठ नेता व सांसद राम गोपाल यादव अपने घर से असाधारण स्थिति में कर्मचारियों की गोद में बैठकर कार तक पहुंचकर संसद तक पहुंचे। ऐसी ही स्थिति कई अन्य सांसदों के साथ उत्पन्न हुई। कुछ दिन पूर्व तक पानी के लिए धरने पर बैठीं दिल्ली की जल मंत्री आतिशी का घर भी वर्षा व सीवर के पानी से लबालब हो गया।हर ओर जलभराव का कोहराम था। दूतावास, उच्चायोग व राज्यों की भवनों के लोग त्राहिमाम करते दिखे। स्थिति यह कि राहत व बचाव अभियान में एनडीआरएफ को भी उतरना पड़ा। इसके साथ ही संसद के आस-पास की सड़कें तक जलमग्न थी तो संसद के भीतर दिल्ली के जलभराव की चर्चा रही।राजधानी में विभिन्न एजेंसियों की नाकामी का खामियाजा दिल्ली वालों को झेलना पड़ रहा है। प्रगति मैदान टनल व मिंटो ब्रिज के साथ 10 से अधिक अंडरपासों में पांच से सात फीट तक पानी भर गया, जिससे न सिर्फ यातायात थम गया, बल्कि उसमें 20 से अधिक गाड़ियां डूब गईं।इसी तरह, विभिन्न मार्गों पर तीन से चार फीट के जलभराव से 100 से अधिक डीटीसी की बसें, ट्रक, कारें व दो पहिया वाहन फंस गए, जिसके चलते जाम की समस्या और भीषण हो गई। कई स्थानों पर पेड़ व गिरे बिजली के खंभों ने यातायात संबंधित परेशानी बढ़ाई। जिसके चलते कइयों की ट्रेनें व हवाई यात्रा छूटी तो कई एंबुलेंस में मरीजों की सांसें अटकी रही। राजधानी की अधिकतर सड़कों पर दिनभर जाम की स्थिति रही। जीटी करनाल हाई-वे पर तीन से चार किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। विकास मार्ग लक्ष्मी नगर से लुटियंस दिल्ली तक घंटों जाम से थमा रहा। ऐसे में कई लोग पैदल ही आगे का सफर तय करते दिखे। कई जगहों पर सड़कें भी धंस गईं।इसी तरह, विभिन्न मार्गों पर तीन से चार फीट के जलभराव से 100 से अधिक डीटीसी की बसें, ट्रक, कारें व दो पहिया वाहन फंस गए, जिसके चलते जाम की समस्या और भीषण हो गई। कई स्थानों पर पेड़ व गिरे बिजली के खंभों ने यातायात संबंधित परेशानी बढ़ाई। जिसके चलते कइयों की ट्रेनें व हवाई यात्रा छूटी तो कई एंबुलेंस में मरीजों की सांसें अटकी रही। राजधानी की अधिकतर सड़कों पर दिनभर जाम की स्थिति रही। जीटी करनाल हाई-वे पर तीन से चार किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। विकास मार्ग लक्ष्मी नगर से लुटियंस दिल्ली तक घंटों जाम से थमा रहा। ऐसे में कई लोग पैदल ही आगे का सफर तय करते दिखे। कई जगहों पर सड़कें भी धंस गईं।वसंत विहार के पास सड़क पर पांच फीट से अधिक का गड्ढा हो गया। इसके साथ ही बिजली का पोल गिरने से दिल्ली के कई इलाकों में घंटों बिजली बाधित रही। बृहस्पतिवार शाम से शुक्रवार शाम तक एमसीडी को 33 स्थानों पर जलभराव तथा 11 स्थानों पर पेड़ गिरने की शिकायतें मिली। वहीं, पीडब्ल्यूडी के पास जलभराव की 150 से अधिक शिकायतें हुईं। इस दौरान एमसीडी व पीडब्ल्यूडी समेत अन्य एजेंसियों ने सड़क पर उतरकर पंपों के सहारे पानी निकासी की व्यवस्था करते दिखे, जबकि यातायात पुलिस कर्मी जाम खुलवाने के साथ ही बंद पड़े वाहनों को हटवाते नजर आए।
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