भरी बरसात में छत छिनने का डर, 41 इमारतों पर चलेगा बुलडोजर! 2000 परिवारों पर संकट
- by admin
- Jul 08, 2024
नालासोपारा:
वसई-विरार मनपा क्षेत्र में यहां की राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेताओं और बिल्डरों
ने रिजर्वेशन की अधिकतर जमीन पर कब्जा कर के बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी कर दी हैं। इन
इमारतों को फर्जी सीसी, ओसी और अन्य दस्तावेजों के सहारे बनाया गया है। बिल्डर्स
ने फ्लैट बेच दिए। लोगों ने जिंदगीभर की गाढ़ी कमाई से फ्लैट खरीदने लगा दी। अब
नालासोपारा (पूर्व) की अग्रवाल नगरी में सरकारी जमीन पर बनी 41 अवैध इमारतों को तोड़ने का आदेश हाई कोर्ट ने दिया है। मनपा
ने इन बिल्डिंगों में रहने वाले लगभग दो हजार परिवारों को नोटिस देकर फ्लैट खाली
करने के लिए कहा है। नोटिस मिलने के बाद से लोग परेशान और घबराए हुए हैं। 15 साल से सारे टैक्स भरने के बाद भी उनके सामने बारिश के बीच
बेघर होने की नौबत आ गई है। सरकारी जमीन हड़प कर फ्लैट बेचने के मामले में बहुजन
विकास आघाडी के एक पूर्व नगरसेवक को पिछले वर्ष जेल भेजा गया था, पर अब वह जमानत
पर रिहा है।
अनदेखी
की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई
बता
दें कि अग्रवाल, वसंत नगरी स्थित सर्वे 22 से 30 तक काफी बड़ा भूखंड था। इसमें से कुछ जमीन डंपिंग ग्राउंड और
एसटीपी प्लांट के लिए आरक्षित थी, तो कुछ जमीन किसी व्यक्ति के नाम पर थी। 2006 से पहले इस जमीन पर बविआ के पूर्व
नगरसेवक सीताराम गुप्ता और उनके भतीजे अरुण गुप्ता ने कब्जा कर लिया और जमीन पर
अवैध इमारतें बनानी शुरू कीं। 2010-12 में यहां चार-चार मंजिला 41 इमारतें खड़ी हो गईं। सीताराम ने सभी इमारतों के फ्लैट बेच
दिए। आरोप है कि बिल्डर को इन अवैध इमारतों को बनाने में मनपा के तत्कालीन
अधिकारियों का पूरा संरक्षण मिला। जमीन मालिक अजय शर्मा ने अपनी जमीन पर हुए
अतिक्रमण की कई बार मनपा में शिकायत की, लेकिन नगरसेवक की पहुंच और अधिकारियों की
अनदेखी की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कोर्ट
में पहुंचा मामला
जमीन
मालिक ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दर्ज की। हालांकि, कोर्ट के आदेश के बाद अवैध
निर्माणकर्ता सीताराम और अरुण के खिलाफ पिछले साल धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।
दोनों को जेल हुई। कोर्ट ने हाल में मनपा को सभी इमारतें तोड़ने का आदेश दिया है।
कोर्ट के आदेश के बाद अब मनपा दुविधा पड़ गई है कि 41 इमारतों में रहने वाले लगभग दो हजार परिवार वालों से कैसे
खाली करवाकर कार्रवाई की जाए। हालांकि, मनपा ने फ्लैटधारकों को नोटिस देना शुरू
किया है। यहां रहने वालों का कहना है कि जब बिल्डर ने यहां इतने बड़े पैमाने पर
इमारतें बनाईं, तब मनपा क्या कर रही थी? अब कार्रवाई करने के लिए नोटिस दे रही है।
कोर्ट को तत्कालीन अधिकारियों की भी जांच करानी चाहिए।
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