मुंबई : आरे कारशेड पर आदित्य ठाकरे से भिड़ीं...ऐक्टिविस्टों का झेला गुस्सा, मुंबई की मेट्रो वुमन, क्यों है चर्चा?
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- Sep 10, 2022
मुंबई : ढाई साल के वनवास के बाद 1995 बैच की आईएएस अधिकारी एक बार फिर मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MMRC) में लौट आई हैं। उन्हें मुंबई मेट्रो फेज 3 परियोजना का प्रबंध निदेशक बनाया गया है। उन्होंने मेट्रो 3 का ट्रायल भी शुरू करा दिया है। माना जा रहा है कि सीप्ज से बीकेसी तक अगले साल मेट्रो शुरू हो जाएगी। अश्विनी भिड़े पहले भी एमएमआरसी की एमडी रह चुकी हैं हालांकि आरे शेड प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए अड़े रहने पर उन्हें नाराजगी का सामना करना पड़ा था। वह पर्यावरण ऐक्टिविस्ट और आदित्य ठाकरे के आंख की किरकिरी बन गई थीं। जनवरी 2020 में उनका तबादला हो गया था। जानिए कौन हैं अश्विनी भिड़े- कुशल और निडर अधिकारी के रूप में चर्चित अश्विनी भिड़े डेप्युटी सीएम देवेंद्र फडणवीस के करीबी मानी जाती हैं। अश्विनी भिड़े के साथ काम करने वालों का कहना है कि वह निडर अधिकारी हैं जो ताकतवर से मुकाबला करने से पहले दो बार नहीं सोचतीं। उन्होंने मुख्य रूप से ग्रामीण महाराष्ट्र में काम किया है और इचलकरंजी, कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग और नागपुर में तैनात रही हैं।
महाराष्ट्र के सांगली से अश्विनी भिड़े 1995 बैच की आईएएस अधिकारी हैं जिन्होंने अपने बैच में टॉप किया था। दो दशक लंबे अपने करियर में अश्विनी भिड़े नागपुर जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अडिशनल डिविजनल कमिश्नर्स, महाराष्ट्र राज्यपाल की जॉइंट सेक्रेटरी, एमएमआरडीए में अडिशनल मेट्रोपॉलिटन कमिश्नर और स्कूली शिक्षा व खेल विभाग में सेक्रेटरी रह चुकी हैं। अश्विनी भिड़े इससे पहले 2015 से 2019 तक एमएमसी की एमडी रही थीं हालांकि उनका कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। उन्होंने आरे कारशेड परियोजना को लागू करने के लिए कड़ा संघर्ष किया था। बॉम्बे हाई कोर्ट की ओर से कारशेड के लिए पेड़ों को काटने पर लगी रोक हटने के बाद वह एक अक्टूबर 2019 की रात आरे में 2,141 पेड़ काटे जाने पर सुर्खियों में आई थीं। शिवसेना के आदित्य ठाकरे के साथ तमाम पर्यावरण प्रेमियों ने अश्विनी का विरोध किया था।
मुंबई के विभिन्न हिस्सों को कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज मार्ज से जोड़ने वाले 33.5 किमी अंडरग्राउंड मेट्रो प्रोजेक्ट को विभिन्न चरणों में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। अश्विनी भिड़े के पिछले कार्यकाल में, 30,000 करोड़ रुपये की परियोजना ने 26 अंडरग्राउंड स्टेशनों में से 13 पर निकासी का काम पूरा कर लिया था। पूर्ववर्ती सरकार चाहती थी कारशेड को कांजुर मार्ग में शिफ्ट किया जाए जिसका केंद्र ने विरोध किया था जिसके चलते यह परियोजना अटकी पड़ी थी। आईएएस अधिकारी अश्विनी भिड़े करीबी उन्हें एक व्यवहारिक अधिकारी कहते हैं जो अक्सर रात में वर्क साइट पर समय बिताती हैं। उनके पति संतोष भिड़े भी एक आईएएस अधिकारी रह चुके हैं लेकिन 2011में उन्होंने सेवा छोड़ दी थी।

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