राईका बाग से कलेक्टर ऑफिस तक झंडे और नारों के साथ रैली निकाली गई बहिष्कार आंदोलन।
- by admin
- Feb 04, 2025
राजस्थान उप संपादक पारस शर्मा
जोधपुर। डीएनटी संघर्ष समिति के नेतृत्व में बहिष्कार आंदोलन किया जिसमें दस हज़ार लोगों ने भाग लिया । राईका बाग से कलेक्टर ऑफिस तक झंडे और नारों के साथ रैली निकाली गई । डीएनटी संघर्ष समिति के अध्यक्ष लालजी राईका ने 7 जनवरी में पाली आंदोलन के
बाद भी राजस्थान सरकार ने उनकी माँगों पर विचार नहीं किया इसलिए आज यहाँ मुख्यमंत्री का पुतला फूंका गया ।
लालजी राईका ने घोषणा की कि यदि राज्य सरकार को जून तक का समय देतें हैं यदि सरकार डीएनटी की माँगो को पूरा नहीं करती है तो 1 जुलाई को जयपुर में महाआंदोलन किया जाएगा जिसमें लाखों लोग
भाग लेंगे ।
रतननाथ कलबेलिया अध्यक्ष, विमुक्त,घुमंतू एवम् अर्ध घुमंतू परिषद ने बताया कि यदि सरकार समय रहते नहीं चेती तो घुमंतू समाज राज्य भर में आंदोलन कर इन समाजों को जोड़ेगा । बावरी समाज के अध्यक्ष बिशना जी बावरी ने कहा
की हर सरकार ने उनको ठगा है । आंदोलन के सभा को राजाराम नायक प्रदेशा अध्यक्ष नायक समाज विकास संस्था,गीता बागरिया ने भी संबोधित किया ।
वंचित वर्ग आरक्षण उपवर्गीकरण समिति के प्रदेश अध्यक्ष विकास नरवार कहा कि आरक्षण का लाभ कभी भी वंचित समाज को नहीं मिला इसलिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार उपवर्गीकरण करना चाहिए। मिरासी समाज के अध्यक्ष वेदप्रकाश ने कहा कि मिरासी जाति घुमंतू है लेकिन उसे सूची में शामिल नहीं किया गया ।
डीएनटी संघर्ष समिति की निम्न
माँगे हैं। हमारी दस माँगे निम्न प्रकार हैं : डीएनटी माँग पत्र : ( charter of Demands ) हमारी दस माँगे निम्न प्रकार हैं। जातियों को सूचीबद्ध करने में अनेक विसंगतियाँ की हैं जैसे रैबारी लिखा है लेकिन उसके पर्याय सब्द राईका ( रायका) और देवासी नहीं लिखा है इससे उनके विमुक्त , घुमंतू एवं अर्ध-घुमंतू पहचान (जाति ) सर्टिफिकेट नहीं बन रहे हैं , जोगी कालबेलिया लिख दिया जबकि जोगी और कालबेलिया अलग अलग है , बावरी लिखा है लेकिन बागरिया नहीं लिखा है, बनजारा, भाट और राव एक ही जाति है लेकिन उनमें भी भेद किया गया है ,नायक और भोपा एक ही जाति है प्रकार 2006 में इदाते आयोग ने जिन 36 जातियों को घुमंतू की श्रेणी में रखा था उनको भी शामिल नहीं किया गया। जैसे आयोग की सूची में शामिल मिरासी समुदाय की मिरासी, लंगा, मंगणियार, के अलावा मिरासी समुदाय की अन्य जातियां ढाड़ी, दमामी, नगारची, राणा आदि को शामिल नहीं किया किया है। ऐसी तमाम वंचित जातियां की सूची इस माँग पत्र के साथ परिशिष्ट "ए"संलग्न है ।
डीएनटी समाज को सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थाओं में 10% आरक्षण दिया जाये जिसकी सिफ़ारिश रेनके आयोग ने भी की है । राजस्थान में इन जातियों की अनुमानित जनसंख्या क़रीब 15% है इसलिए 10% आरक्षण की माँग उचित है । इन जातियों में अधिकतर अनुसूचित जाति , अनुसूचित जन जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल है लेकिन इनको कोई लाभ नहीं मिल रहा है इसलिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय “ आरक्षण के भीतर आरक्षण “ के तहत इन समाजों को अलग से 10% आरक्षण दिया जाना चाहिए ।
पंचायती राज्य संस्थाओं और शहरी निकायों में इनके लिए 10% सीटें आरक्षित की जाये । क्योंकि ये जातियों बिखरी हुई हैं इसलिए एक साथ वोट नहीं कर पाती हैं , इसलिए इन्हें प्रतिनिधित्व देने के लिए 10% सीट राज्य सभा में आरक्षित किया जाये ।
जहाँ पर इनके आवास हैं या बाडा है उसी को नियमित पर पट्टे दिये जाये ।
आवासहीनों को शहर में 100 वर्ग गज और गाँवों में 300 वर्ग गज आवास के लिए और 300 वार गज पशुओं के बाड़े के लिए दी जाये ।
शिक्षा के लिए शिक्षा बजट का 10 % हिस्सा अलग किया जाये और उसमें से इनके लिए आवासीय विद्यालय , कला महाविद्यालय , महा आंगनबाड़ी , हॉस्टल, कौशल कॉलेज आदि खोले जायें ।
उन्हें “ कहीं भी शिक्षा ( anywhere education) का प्रावधान किया जाये और उनके बच्चों को “ शिक्षा अधिकार ( right to education) में प्राइवेट स्कूल में प्रवेश में प्राथमिकता दी जाये और उनकी फ़ीस की सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की जाये। महिलाओं और युवाओं को आधुनिक उद्योग जैसे इलेक्ट्रॉनिक , कंप्यूटर मैन्यूफ़ैक्चरिंग में ट्रेनिंग देकर रोज़गार दिया जाये क्योंकि इन जातियों में बचपन से ही कला की प्रवति होती है इसलिए इन उद्योगों के लिए वे कुशल कर्मचारी साबित होंगे । सभी प्राइवेट उद्योगों को इस समाजों को रोज़गार देने का लक्ष्य दिया जाये ।
प्रति वर्ष 1000 विद्यार्थियों को विदेश में शिक्षा के लिए भेजा जाये जिसका पूरा खर्च सरकार वहन करे ।
इनके लिए अलग मंत्रालय, वित्त निगम और लोन की सुविधा होनी चाहिए राजस्थान उप संपादक पारस शर्मा.9351448065
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