वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल हुई श्याम भक्ति सेवा संस्थान की पहल
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- Apr 03, 2025
सीमा सुरक्षा बल के राजस्थान फ्रंटियर आईजी एम एल गर्ग ने प्रमाण पत्र सौंप कर बढ़ाया मान, 100 मंदिरों में श्याम बाबा की 100 मूर्तियां लगाने को वेब वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने मानी ऐतिहासिक उपलब्धि, नया मानक स्थापित करने पर जारी किया प्रमाण पत्र
श्याम भक्ति सेवा संस्थान का घर-घर श्याम हर घर श्याम अभियान हुआ साकार, लाखों
श्रद्धालुओं तक पहुंचे खुद श्याम बाबा, मंदिरों के साथ साथ घर-घर होने लगी श्याम बाबा की आराधना
राजस्थान उप संपादक पारस शर्मा
जोधपुर। खाटू वाले श्याम बाबा के प्रति लगातार बढ़ती जा रही श्रद्धा के चलते जोधपुर के श्याम भक्ति और सामाजिक सरोकारों को समर्पित श्याम भक्ति सेवा संस्थान परिवार ने संकल्प लेकर 100 मंदिरों में 100 श्याम बाबा की मूर्तियां निशुल्क रूप से एक समारोह में वितरित करने का जो श्याम सेवा का कार्य किया, उसे वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल कर लिया गया है। 100 मंदिरों में श्याम बाबा की 100 मूर्तियां लगाने को वेब वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने ऐतिहासिक उपलब्धि माना है, और नया मानक स्थापित करने पर प्रमाण पत्र भी जारी किया है।सीमा सुरक्षा बल के राजस्थान फ्रंटियर आईजी एम एल गर्ग ने संस्थान अध्यक्ष मोनिका प्रजापत को प्रमाण पत्र सौंप कर शुभकामनाएं देते हुए श्याम भक्तों का मान बढ़ाया है,जिससे श्याम भक्तों में खुशी की लहर है।
श्याम भक्ति सेवा संस्थान की अध्यक्ष मोनिका प्रजापत ने बताया कि, श्याम भक्ति सेवा संस्थान का घर-घर श्याम हर घर श्याम अभियान साकार होने के साथ लाखों श्रद्धालुओं तक श्याम बाबा पहुंच चुके हैं, तथा मंदिरों के साथ साथ घर-घर श्याम बाबा की आराधना होने लगी है। एक ही स्थान पर 100 मूर्तियों के विधि विधान से मंत्रोच्चारण के साथ सामूहिक पूजन और निशुल्क वितरण के बाद 100 मंदिरों में मूर्तियों की स्थापना के साथ नियमित पूजन को वेब वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा विश्व रिकॉर्ड के रूप में स्वीकार कर नया मानक स्थापित करने का प्रमाण पत्र जारी किया, जिसे सीमा सुरक्षा बल के राजस्थान फ्रंटियर आईजी एमएल गर्ग ने संस्था को सौंपा है, यह पूरी संस्था के साथ करोड़ों श्याम भक्तों के लिए गौरव की बात है,श्याम बाबा की पहली मूर्ति सीमा सुरक्षा बल परिसर स्थित मंदिर में ही लगी थी।हालांकि संस्थान ने ये सब किसी प्रतिस्पर्धा या रिकॉर्ड बनाने के उद्देश्य से नहीं किया, लेकिन वेब वर्ल्ड रिकॉर्ड्स टीम ने माना है कि, एक ही कार्यक्रम में 100 श्याम बाबा की मूर्तियां वितरित किया जाना, एक ऐतिहासिक उपलब्धि है जो अद्वितीय भक्ति और आस्था को समर्पित है।
संस्थान अध्यक्ष मोनिका प्रजापत ने बताया कि, राजस्थान के दूसरे बड़े जिले जोधपुर में खाटू वाले श्याम बाबा के लगातार बढ़ते जा रहे पर्चे के बीच जब यहां श्याम बाबा के लिमिटेड मंदिर होने और श्याम बाबा के दर्शन लाख कोशिशों के बावजूद नहीं हो पाने पर श्याम भक्ति सेवा संस्थान ने अपने संविधान में निर्धारित किए गए श्याम बाबा के अधिक से अधिक प्रचार और प्रसार के उद्देश्य को साकार करते हुए संस्थान सचिव राजकुमार रामचन्दानी, कोषाध्यक्ष जगदीश कुमार, कार्यकारिणी सदस्य लक्की गोयल, हेमंत लालवानी और कृष्णा गौड़ के नेतृत्व में घर-घर श्याम हर घर श्याम का संकल्प लेकर गहन सर्वे करने के बाद जोधपुर के विभिन्न मंदिरों और संस्थानों में श्याम बाबा की 100 मूर्तियों को मूर्तिकार जय शंकर चौहान से तैयार करवा कर विधि विधान से पूजन के बाद वितरण करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया और पूरी श्याम भक्ति सेवा संस्थान की पूरी टीम के साथ मिलकर जब इसको साकार किया तो महसूस हुआ कि ईश्वर वास्तव में होता है और श्याम बाबा के रूप में विभिन्न चुनौतियों के बीच श्याम बाबा की 100 मूर्तियों का विधि विधान से पूजन कराकर जिस तरह महामंडलेश्वर सोमेश्वर गिरी महाराज, राम स्नेही संत रामप्रसाद महाराज, संत अमृता राम महाराज, राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल निदेशक घनश्याम सोनी और गीता प्रचार मंडल के महामंत्री राजेश लोढ़ा जैसी विशिष्ट व्यक्तित्व वाली हस्तियों की मौजूदगी में ये मूर्तियां अलग-अलग मंदिरों और संस्थाओं से आए श्याम बाबा के भक्तों और श्रद्धालुओं को जब सैकड़ो श्याम भक्तों की मौजूदगी में सौंपी गई तो यकायक विश्वास नहीं हुआ कि, इतना बड़ा सोपान कैसे तय कर लिया, इसके लिए आयोजन समिति में शामिल राजकुमार रामचंदानी, जगदीश कुमार, कृष्णा गौड़, लक्की गोयल, हेमन्त लालवानी, रमेश खंडेलवाल, जीवन जाखड़, पुखराज जांगिड़, मोहित हेड़ा, जितेन्द्र राजपुरोहित, दीक्षित परिहार, कन्हैयालाल सबनानी, नीतू कच्छवाहा, मंजू प्रजापति, रश्मि जांगिड़, ललिता शर्मा, प्रदीप कुमार, मनीष गहलोत, नवीन भाटी, गौतम उपाध्याय और बिंदु टाक की इस आयोजन जो सफल बनाने में अहम भूमिका रही। उस वक्त इस बात का एहसास हुआ कि 19 जनवरी 2025 के ऐतिहासिक अवसर पर खुद श्याम बाबा वहां मौजूद थे और यह एहसास इस रूप में भी हुआ कि जब सभी मूर्तियां एक-एक कर वितरित कर दी गई तब ऐसा लग रहा था कि श्याम बाबा यहां से अब उन श्रद्धालुओं के साथ उस मूर्ति में विराज कर रवाना हो चुके हैं। श्याम बाबा की भक्ति में लीन होकर श्याम भक्त श्याम बाबा की मूर्तियां लेकर नाचते गाते भजन गुनगुनाते अपने-अपने वाहनों में जब श्याम बाबा को लेकर जा रहे थे तब उनके मन में एक बार भी यह भाव नहीं आया कि यह मूर्ति किसी धातु की नहीं बल्कि प्लास्टर ऑफ पेरिस की है क्योंकि उन मूर्तियों में पूजा अर्चना विधि विधान से किए जाने के बाद जो भाव श्रद्धालुओं ने महसूस किए वही सबसे बड़ा चमत्कार था और यह महसूस हो रहा था कि श्याम बाबा अपने भक्तों के साथ खुशी-खुशी जा रहे हैं। चूंकि, मूर्तियां प्लास्टर ऑफ पेरिस की थी और ऐसे में जब भाव जगाने के उद्देश्य से यह मूर्तियां स्थापित करने का निर्णय हुआ तब सर्वे के दौरान कई प्रकार के सवाल और पूजा अर्चना की विधि से लेकर सामने आए तब हर किसी को समझाना बेहद मुश्किल था, लेकिन जब गीता भवन के प्रांगण में एक साथ 100 श्याम बाबा की मूर्तियों का विद्वान पंडितों ने विधि विधान से मंत्रोच्चारण के साथ पूजन वंदन करवाया और तब श्रद्धालुओं के जो भाव थे उससे श्याम भक्ति सेवा संस्थान को सबसे बड़ा संतोष और सुकून मिला कि जिस उद्देश्य को लेकर घर-घर श्याम हर घर श्याम अभियान शुरू किया गया था उसे न केवल खुद श्याम बाबा बल्कि श्याम भक्तों ने ही साकार कर दिया। श्याम भक्ति सेवा संस्थान के परिवार से जुड़े पदाधिकारियों, कार्यकारिणी के सदस्यों और इस परिवार से जुड़े हर एक साथी को सबसे बड़ा सुकून तो इस बात का है कि हमारे श्याम बाबा जिन 100 मंदिरों और संस्थानों में गए हैं वहां आगे से आगे बाबा के प्रति जिस तरह के भाव उमड़ रहे हैं, नियमित रूप से पूजा अर्चना हो रही है, अलग से श्याम बाबा के मंदिर बन रहे हैं और मूर्तियों की डिमांड बढ़ रही है ऐसे में समझा जा सकता है कि कितना बड़ा चमत्कार जो है वह श्याम बाबा की कृपा से हो पाया है राजस्थान उप संपादक पारस शर्मा.9351448065
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