कैसे बनाएं ढाबा स्टाइल पंजाबी Lassi, फॉलो करें ये आसान सी रेसिपी
- by admin
- Apr 24, 2025
गर्मियों में ठंडक का सबसे मज़ेदार और स्वादिष्ट उपाय है एक बड़ी सी गिलास में ठंडी-ठंडी पंजाबी लस्सी! खासतौर पर जब बात हो ढाबा स्टाइल लस्सी की, तो उसका स्वाद और भी खास होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे आप घर पर ही बिल्कुल ढाबा जैसी गाढ़ी, मलाईदार और स्वादिष्ट लस्सी मिनटों में बना सकते हैं।
सामग्री
ताज़ा दही: 2 कप
ठंडा पानी या दूध: 1 कप (स्वाद अनुसार)
चीनी: 3-4 बड़े चम्मच (स्वाद के अनुसार)
बर्फ के टुकड़े: 5-6
हरी इलायची पाउडर: 1/2 छोटा चम्मच
गुलाब जल: 1 छोटा चम्मच (ऑप्शनल)
केसर कुछ रेशे (ऑप्शनल)
सजावट के लिए मलाई: 1-2 बड़े चम्मच
कटे हुए ड्राई फ्रूट्स: (बादाम, पिस्ता - ऑप्शनल)
ढाबा स्टाइल लस्सी बनाने की विधि
1. सबसे पहले ताज़ा और ठंडा दही लें। उसे एक बड़े बर्तन या मिक्सर में डालें और अच्छे से फेंट लें, ताकि वह एकदम क्रीमी हो जाए।
2. फेंटे हुए दही में चीनी और इलायची पाउडर डालें। आप चाहें तो थोड़ा सा गुलाब जल और केसर भी डाल सकते हैं जिससे लस्सी में खास ढाबा जैसा फ्लेवर आए।
3.अब इसमें बर्फ के टुकड़े और ठंडा पानी या दूध डालें। ध्यान रखें कि पानी या दूध की मात्रा आप अपनी पसंद के अनुसार रखें — लस्सी अगर गाढ़ी चाहिए तो कम डालें, और पतली चाहिए तो थोड़ा ज़्यादा।
4. अब इन सब चीज़ों को मिक्सर में 1-2 मिनट चला लें या मथनी से अच्छे से मथ लें। जब लस्सी झागदार और क्रीमी हो जाए, तब समझ लीजिए तैयार है।
5. अब तैयार लस्सी को एक बड़े ग्लास में डालें। ऊपर से 1 चम्मच मलाई डालें कुछ कटे हुए बादाम और पिस्ता से सजाएं।
बस! तैयार है आपकी ठंडी-ठंडी, झागदार, मलाईदार ढाबा स्टाइल पंजाबी लस्सी। अब आपको ढाबे तक जाने की जरूरत नहीं, इस आसान रेसिपी को अपनाकर आप घर पर ही बना सकते हैं एकदम देसी स्टाइल पंजाबी लस्सी।
------------------आंखें खोल सकती हैं आपकी सेहत का राज
इंसान की आंखें कभी झूठ नहीं बोलती हैं. यह मुहावरा हमारी सेहत पर भी बिल्कुल सटीक बैठता है. यही कारण है कि किसी भी बीमारी का कारण पता लगाते समय डॉक्टर सबसे पहले आंखें देखते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपको अपनी आंखों में कोई भी बदलाव नजर आता है तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. आंखों में लंबे समय तक दिखने वाले लक्षण जैसे कि देखने में दिक्कत, जलन या दर्द किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका पता आंखों को देखकर चल जाता है.
आंखों में बहुत ज्यादा पानी आना- अगर आपको समय-समय पर आंखों के आगे काले या भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. आंखों के आगे इस तरह के धब्बे आना डायबिटिक टिनोपैथी का लक्षण हो सकता है. ऐसा तब होता है जब ब्लड शुगर का लेवल आंखों के पिछले हिस्से में मौजूद रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है. इससे रक्त वाहिकाएं कमजोर हो जाती हैं. अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया जाए तो इससे देखने की क्षमता भी खत्म हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि डायबिटीज का पता लगते ही व्यक्ति अपनी सेहत का ख्याल रखें ताकि इस समस्या को कंट्रोल किया जा सके.
धुंधला दिखाई देना- कई कारणों की वजह से लोगों को धुंधला दिखाई दे सकता है. अगर आपको उजाले .या अंधेरे में धुंधला दिखाई देता है तो आपको इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए. माइग्रेन, स्ट्रोक आदि की समस्या होने पर भी व्यक्ति को धुंधला नजर आने लगता है. कई मामलों में देखा गया है कि ब्रेन ट्यूमर की शिकायत होने पर भी धुंधला नजर आने लगता है.
आंखों में सूजन और डार्क सर्कल्स- कई कारणों की वजह से आंखों में सूजन और डार्क सर्कल्स की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. कई बार कॉस्मेटिक्स के इस्तेमाल या उम्र बढ़ने के कारण भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है. आंखों के नीचे आने वाली सूजन से पता चलता है कि आप नमक का सेवन काफी ज्यादा मात्रा में करते हैं और शरीर में पानी की कमी है. इसका असर चेहरे पर भी नजर आता है. लेकिन सूजन और डार्क सर्कल्स के पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं जैसे हार्मेन्स में बदलाव , एनीमिया, थायरॉइड या किडनी की बीमारी. अगर आप शराब या धूम्रपान करते हैं तो इससे नींद आने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है जिससे भी आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स नजर आने लगते हैं.
आंखों में फीकापन- आंख का सफेद भाग, जिसे स्क्लीरा कहा जाता है, स्वस्थ होने पर सफेद रंग का होना चाहिए. लेकिन अगर आपकी आंखे फीकी या काफी थकी-थकी नजर आती हैं तो यह खराब खानपान और नींद की कमी की ओर इशारा करता है. आंखों के सफेद भाग में जब पीलापन नजर आता है को उसे पीलिया कहा जाता है, जो रक्तप्रवाह में बिलीरुबिन के बढ़े हुए स्तर के कारण होता है. वहीं, आंखों के सफेद भाग का लाल हो जाना रक्त वाहिकाओं के फटने के कारण हो सकता है
आंखों में सूखापन- आंखों में सूखापन आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे देर रात तक बैठकर कंप्यूटर स्क्रीन पर काम करना, फोन का इस्तेमाल अधिक करना या आंखों में धूल- मिट्टी चले जाना आदि. लेकिन अगर आपको लंबे समय तक आंखों में सूखापन, जलन या दर्द जैसे अन्य लक्षण नजर आ रहे हैं तो आपको डॉक्टर को देखना चाहिए. पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं बन पाना, आंसू जल्दी सूख जाना इसके प्रमुख कारण हैं. उम्र बढ़ने के कारण भी लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है. कई बार दवाईयों के दुष्प्रभाव के कारण भी ऐसा हो सकता है.
आंखों में बार-बार सूजन या लालिमा
आंखों में बार-बार सूजन या लालिमा आना भी हार्ट अटैक का एक बड़ा संकेत हो सकता है। यह समस्या तब होती है जब शरीर में फ्लूइड रिटेंशन बढ़ जाता है, जो हृदय की सही पंपिंग न होने की वजह से होता है। सूजन और लालिमा आमतौर पर आंखों के नीचे अधिक दिखाई देती है और यह रक्तचाप या हृदय की कार्यक्षमता में कमी का इशारा करती है। इसके साथ-साथ आंखों में जलन या भारीपन भी महसूस हो सकता है। अगर यह लक्षण लंबे समय तक रहे, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
इन लक्षणों को नजरअंदाज करने से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। समय पर इनकी पहचान और उपचार से बड़े खतरे से बचा जा सकता है।
हार्ट अटैक का कारण बनने वाले अन्य सामान्य लक्षण
हार्ट अटैक के लक्षण केवल आंखों तक सीमित नहीं रहते। कुछ अन्य सामान्य संकेत इस प्रकार हैं-
1. सीने में भारीपन या दर्द
2. बांह, गर्दन, या जबड़े में दर्द
3. सांस लेने में तकलीफ
4. पसीना आना और थकान
5. अचानक चक्कर आना या मतली
इन संकेतों को नजरअंदाज न करें
अक्सर लोग इन लक्षणों को सामान्य समस्या समझकर अनदेखा कर देते हैं। लेकिन यह लक्षण हृदय रोग या हार्ट अटैक की चेतावनी हो सकते हैं। अगर इनमें से कोई भी लक्षण आपको लगातार महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
हार्ट अटैक से बचने के उपाय
स्वस्थ आहार लें
कोलेस्ट्रॉल और ट्रांस फैट से बचें। ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं। मछली, मेवे और दिल के लिए फायदेमंद फैट का सेवन करें।
नियमित व्यायाम करें: हर दिन 30 मिनट तेज चलना या हल्का व्यायाम करना हृदय को मजबूत बनाता है।
तनाव से बचें: तनाव दिल की बीमारियों का बड़ा कारण है। योग और मेडिटेशन से इसे नियंत्रित करें।
धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और अधिक शराब पीना हृदय के लिए हानिकारक हो सकता है।
चेकअप कराएं: नियमित रूप से हृदय का चेकअप कराएं।
ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाएं। हार्ट अटैक आने से पहले शरीर कुछ संकेत देता है। अगर इन लक्षणों को समय पर पहचान लिया जाए और डॉक्टर से सलाह ली जाए, तो हार्ट अटैक को रोका जा सकता है। खासकर, आंखों के संकेतों को हल्के में न लें। सेहतमंद जीवनशैली अपनाएं और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाकर अपने दिल को सुरक्षित रखें।
डायबिटीज रेटिनोपैथी
ऑलअबाउटविजन डॉट कॉममें छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि आंखों का चेकअप कराते समय आंख के पिछले हिस्से में रक्त के धब्बे दिखाई देते हैं, तो आपको डायबिटिक रेटिनोपैथी होने की संभावना है. यह रेटिना में केशिकाओं को प्रभावित करती है और कई बार ब्लाइंडेनस का भी कारण बन सकती है. डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षणों में आंखों में दर्द, धुंधली दृष्टि, फ्लोटर्स आदि शामिल हैं.
कोलेस्ट्रॉल अधिक होना
जब आंखों में कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है, तो आंखों के आइरिस (Iris) के चारों ओर सफेद, ग्रे या नीले रंग का रिंग बन सकता है. हालांकि, यह उम्र बढ़ने का एक सामान्य संकेत है. इसे आर्कस सेनिलिस कहा जाता है, जो दर्शाता है कि आपके शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक होने का रिस्क बढ़ सकता है.
ब्लड प्रेशर सामान्य से अधिक बढ़ना
आंखों की जांच के दौरान ये भी पता चल सकता है कि आपका ब्लड प्रेशर हाई है या लो. यदि आंखों के ब्लड वेसल्स क्षतिग्रस्त नजर आते हैं, जिसमें सूजन, संकुचन, आंखों की जांच के दौरान उच्च रक्तचाप का सबसे महत्वपूर्ण संकेत ब्लड वेसल्स का क्षतिग्रस्त होना है, जिसमें सूजन, संकुचन, कड़ापन (hardening) जैसे लक्षण दिख सकते हैं. चूंकि, हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर का कारण बन सकता है, इसलिए इसे नजरअंदाज ना करें.
स्ट्रोक का रिस्क आंखों से जानें
यदि नेत्र चिकित्सक आपकी आंख के पिछले हिस्से में सूक्ष्म रक्त के थक्के पाते हैं या उच्च रक्तचाप के कारण रक्त वाहिका क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो आपको स्ट्रोक का उच्च जोखिम हो सकता है. इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट कर सकता है.
थायरॉएड डिजीज का रिस्क
हाइपरथायरॉएडिज्म ग्रेव्स डिजीज नामक एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर से जुड़ा होता है. इसके होने पर आंखों लाल हो सकती हैं, उनमें खुजली महसूस हो सकती है. अधिक गंभीर मामलों में आंखों की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है, आंखें फूल भी सकती हैं. यदि आंखों की जांच के दौरान डॉक्टर थायरॉएड से संबंधित अन्य संकतों को नोटिस करता है, तो आपको दूसरे टेस्ट के लिए दृष्टि विशेषज्ञ के पास जाने की सलाह दे सकता है.
कैंसर है या नहीं आंखें बताएंगी
जब कैंसर होता है, तो सबसे पहले आंखें में ही इसके लक्षण नजर आते हैं, चाहे वह कैंसर शरीर में कहीं भी हुआ हो. नियमित नेत्र परीक्षण के दौरान मस्तिष्क कैंसर से लेकर त्वचा कैंसर तक हर चीज के संकेत मिल सकते हैं. ट्यूमर आपकी ऑप्टिक नसों में सूजन पैदा कर सकता है और आंखों का आकार बदल सकता है (जो दृष्टि के क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है), जबकि रेटिना में खून नजर आना ल्यूकेमिया का संकेत हो सकता है. अगर आपकी आंखों का रंग बदला सा नजर आता है, यह ऑक्युलर मेलानोमा भी हो सकता है.
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