महाराष्ट्र में जनवरी से अगस्त 2022 तक 1875 किसानों ने दी जान...
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- Oct 14, 2022
मुंबई : सरकार और प्रशासन के तमाम दावों और वादों के बावजूद महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या के मामले थम नहीं रहे हैं. आंकड़े खुद इस भयावह परिस्थिति की तस्वीर पेश कर रहे हैं. महाराष्ट्र सहायता एवं पुनर्वास विभाग द्वारा इकट्ठा किए गए डाटा के अनुसार, जनवरी से अगस्त 2022 के बीच प्रदेश में 1,875 किसान सुसाइड कर चुके थे. यानी हर महीने 234 से ज्यादा किसानों ने जान दी. यदि इन आंकड़ों को देखें तो प्रदेश में हर दिन तकरीबन 8 किसानों ने इस अवधि में जान दी. किसान आत्महत्या के मामले में अमरावती क्षेत्र लिस्ट में सबसे ऊपर है, जबकि दूसरे स्थान पर औरंगाबाद रीजन है.
अमरावती क्षेत्र में जनवरी से अगस्त के बीच 725 किसानों ने आत्महत्या की. वहीं, औरंगाबाद क्षेत्र में 661 किसानों ने जान दी. इस तरह सिर्फ इन दोनों क्षेत्रों में ही 1,386 किसानों ने सुसाइड किया. आठ महीने की अवधि में आत्महत्या करने वाले तकरीबन 75 फीसद किसान इन दो रीजन से ही थे. ऐसे में अमरावती और औरंगाबाद क्षेत्र में किसानों की स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. वर्ष 2021 में भी कमोबेश यही हालात थे. अमरावती और औरंगाबाद के बाद क्रमश: नाशिक और नागपुर का स्थान आता है. इन दोनों क्षेत्रों में 252 और 225 किसानों ने जान दी.
पुणे में साल 2021 में जहां 11 किसानों ने जान दी थी, वहीं, इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक की अवधि में 12 किसानों ने सुसाइड किया. महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में ऐसा एक भी मामला रिकॉर्ड नहीं किया गया. एकनाथ शिंदे ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने के बाद महाराष्ट्र को किसान आत्महत्या मुक्त प्रदेश बनाने की शपथ ली है. इसके लिए उन्होंने महत्वाकांक्षी योजना भी बनाई है. प्रदेश के कृषि विभग ने एक मसौदा तैयार किया है, जिसके तहत राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारी एक दिन किसान के घर या उनके खेत में गुजारेंगे.
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